१. ऐसे करो वैसे करो
संचालक दो तरह के शब्द कह सकता है और कुछ कार्य करता रहता है | जब वह कहता है
ऐसे करो :- तो बाकी समूह को वैसे करना है जैसे वह कर रहा है
वैसे करो :- तो बाकी समूह को वैसे नहीं करना है जैसे वह कर रहा है और पुराने कार्य को करते रहना है |
जो चूक जाता है वह बैठ जाता है |
पुराना याद रखें |
कोई भी एक शहीद का नाम बोले | उससे अगला व्यक्ति पुराना नाम बोले व उसमे स्वयं एक और शहीद का नाम जोड़े | इसी तरह कोई भी व्यक्ति पुराने सारे
चार ऊपरa
सभी को बैठाकर शुरुआत करें | उद्देश्य यह है कि किसी भी समय सिर्फ चार व्यक्ति खड़े हों | कोई भी कभी भी खड़ा हों सकता है लेकिन ५ सेकंड से ज्यादा देर खड़ा नहीं रह सकता है | कोई एकदम बैठकर भी खड़ा हों सकता है |
दुविधा में साइमन
छात्रों के सहयोग करने के कौशलों को एक साधारण खेल जो “ “साइमन कहता है” “ जैसा है, से चुनौती दें |सभी को एक घेरे में खड़ा होना व भुजाओं को जोड़ना है |जब आप “ “साइमन कहता है” के बाद कोई आदेश दें , हर कोई उसे अपनी बंधी हुई भुजाओं के साथ पूरा करने की कोशिश करता है | जिन आदेशों से पहले “ “साइमन कहता है” “ नहीं कहा गया है उनकी उपेक्षा कर देनी है | यहाँ कुछ ऐसे आदेश दिए गये हैं (कुछ को बिना “ “साइमन कहता है” “ के भी अवश्य कहें )
- अपनी एड़ी को जितना ऊँचा उठा सकते हैं उठायें |
- जितना झुक सकते हैं उतना झुकें |
- अपना दायाँ कान खुजाएँ |
- अपना बायाँ कान खुजाएँ |
- अपनी नाक छुएं |
- अपने बाएं हाथ से अपना दायाँ हाथ छुएं |
- दायीं तरफ से एक घेरे में घुमे |
- ऊपर नीचे कूदें |
जब खेल खत्म हों जाए – और इससे पहले की छात्रो को खोला जाए – उन्हें कार्य पूरा करने के लिए अपनी तारीफ करने हेतु आमन्त्रित करें | उसके बाद अन्य संपर्को की बाते करें जो वह एक दूसरे से रखते हैं |
पीठ के पीछे बातें
तैयारी करने के लिए साधारण वस्तुओं की तीन या चार रेखांकन बनायें जैसे की वृक्ष , चेहरा , मछली व फूल | ६ से ८ लोंगो की टीम बनाये ओर प्रत्येक टीम को एक दूसरे के पीछे एक पंक्ति में बिठाएं | पंक्ति के सबसे पहले व्यक्ति को एक पेंसिल और कागज दें |
प्रत्येक टीम एक प्रसार केंद्र की तरह है | सदस्य यह प्रयास करते हैं कि वह कितनी शीघ्रता व शुद्धता से एक रेखांकन को अपनी ऊँगली से एक दूसरे के पीठ पर खींचकर आगे भेज सकते हैं |
प्रत्येक पंक्ति के अंतिम सदस्य को समान तस्वीर दिखाएँ , और उनसे इसे अपने आगे बैठे व्यक्ति की पीठ पर रेखांकित करने के लिए कहिए |यह तस्वीर फिर “पीठ दर पीठ” पंक्ति में आगे भेज दी जाती है | पंक्ति में सबसे आगे बैठे व्यक्ति को जब तस्वीर मिलती है , वह उसे कागज पर बनाता है | टीमों को अपनी तस्वीर की गुणवत्ता दिखाने के लिए आमंत्रित करें |
विकल्प : तस्वीर के बजाय, समूह शब्द जैसे की हैलो , मित्र , लंच प्रेषित कर सकते हैं |
पलटा पलटी
सभी को एक घेरे में करके , किसी एक को “बड़ा पलट” बनाये (अगर कक्षा बड़ी हों तो १५ आदि के समूह में बाटे )| “बड़ा पलट” किसी एक खिलाडी के पास जाता है , और उदाहरण के लिए अपने पैर की तरफ इशारा करके इसे कुछ और बुलाता है जो गलत है जैसे कि “यह मेरा कान है “| खिलाडी विपरीत दिशा में अपने कान की तरफ इशारा करके तुरंत जवाब देता है “यह मेरा पैर है “
“बड़ा पलट” फिर किसी और खिलाडी के पास जाता है , और अपने अंगूठे की तरफ इशारा करके उसे यह कहकर भ्रमित करने की कोशिश करता है “यह मेरी नाक है “| खिलाडी फिर अपनी नाक की तरफ इशारा करता है व जवाब देता है “यह मेरा अंगूठा है “
जब तक कोई सही जवाब ना दें तब तक जारी रखें ( जो इस खेल में गलत है | एक गलत जवाब होगा जैसे की अपने पैर की तरफ इशारा करके कहना “यह मेरा पैर है “|
पहला व्यक्ति जो जवाब देने से पहले रुक जाता है या गलती करता है नया बड़ा पलट बन जाता है |अगर लोंगो का दिमाग ज्यादा ना थक जाए तो तब तक जारी रखें जब तक सभी को खेलने का मौका ना मिल जाए |
नेता कौन
एक स्वयंसेवक को “आईटी” बनायें वा कक्ष छोड़ने के लिए कहें | तब कक्षा को एक घेरे में खड़ा करें और उन्हें आगे के व्यायामों की श्रेणी( ताली बजाना , भुजा , हाथ या पैरों का घुमाना , पलक झपकाना ) ,जो हर पांच से दस सेकंड में बदल जाती है , के लिए एक नेता चुनने के लिए कहें | वापिस आने पर “आईटी” समूह का निरीक्षण करके नेता को ढूँढने की कोशिश करता है | अगर “आईटी” तीन प्रयासों के बाद भी नेता को नहीं ढूँढ पाता है तो दुबारा शुरू करने के लिए नया “आईटी” चुना जाता है |
युगल विवरण:
एक पेंसिल को पकडे तथा खिलाडियों से यह अभिनीत करने के लिए कहें कि वह इसका नाम नहीं जानते हैं व ना ही यह जानते हैं कि इसका क्या प्रयोग है |वह इसका वर्णन कैसे करेंगे ? वह कह सकते हैं ,”यह लंबी , पतली ओर चमकदार पीली वस्तु है |इसका एक किनारा नुकीलादार है व दूसरे किनारे पर एक मुलायम रबर है |
फिर अन्य लोंगो को दिखाये बिना , सिर्फ दो खिलाडियों को कोई चीज़ दिखाएँ | फिर उनके कक्षा के सामने बिना उसका नाम या प्रयोग बताये उसका विवरण देने के लिए कहें |श्रोताओं को उस चीज़ का नाम पहचानने की चुनौती दें |जब कोई पहचान ले तो इस पर चर्चा करें कि विवरण के कौन से भाग सबसे ज्यादा सहायक थे |
जैसा मैं कहूँ वैसा करो:
खिलाडियों की उम्र के उपयुक्त कई सारे निर्देश लिखें | उदाहरण : खड़े हों ओर दो बार घूमे | फिर दरवाजे के पास जाएँ , एक बार खटखटाएं , अपनी कुर्सी पर वापस आयें , ताली बजाएं व अपना नाम बताएं |
समूह के सामने एक बार निर्देशों को पढ़े | किसी एक स्वयंसेवक (या टीम को ) को सबके सामने उन्हें करने के लिए चुने |तब प्रेक्षकों को यह निर्णय करने दे कि क्या खिलाडी ने निर्देशों का ठीक से पालन किया है व छुट गए निर्देशों तथा गलतियों पर चर्चा करें | फिर छात्रों से ध्यान पूर्वक सुनने , स्पष्ट निर्देशों तथा उनके अनुपालन के आपसी संबंधो पर बात करें |
आगे बढाओ :
घेरे में बैठे हुए छात्र किसी चीज़ को जैसे कि चाभी को आगे बढ़ाते हैं |जिसके पास यह होती है वह कहानीकार बन जाता है | जैसे कि पहला कहानीकार यह कहकर शुरू करता है ,”एक रात जोर की एक आवाज़ से मेरी आँख खुली |जब मैंने खिडकी से बाहर झाँका मैंने देखा ...”|
कुछ पक्तियों के बाद कहानीकार चाभी को आगे बढ़ा देता है |अगला व्यक्ति फिर कहानी को कुछ आगे बढाता है |हर बार चाभी को आगे बढ़ाने पर , कहानी जटिल होती जाती है क्योंकि प्रत्येक खिलाडी पहले बताई गई कहानी को आगे बढाता है |चुनौती यह है कि जैसे ही चाभी को आगे बढ़ाया जाता है , कहानी को भी आगे बढ़ाते जाना है |
आप निम्न में से कुछ भी बढ़ा सकते हैं :-
- रिले रेस का बेटन
- एक सिक्का (आपके विचारों के लिए )
- धागों से बनी बोल (समूह के धागों के लिए )
कोहनियाँ मिलाना :
छात्रों को चार के समूह में गिनने के लिए कहें | फिर :
- एक गिनने वालो को अपने हाथ अपने सिर के पीछे ऐसे रखने को कहें कि कोहनियां बाहर की ओर निकलती रहें |
- दो गिनने वालो को अपने कूल्हो पर रखने के लिए कहें , कोहनियां बाहर |
- तीन गिनने वालो को अपना बांया हाथ कूल्हे पर व दांया हाथ दायें कूल्हे पर रखने के लिए कहें , कोहनियां बाहर |
- चार गिनने वालो को अपने हाथ मोड़ने के लिए कहें , कोहनियां ऊपर |
छात्रों को बताये कि उन्हें स्वयं को समूह के अधिकतम साथियों से यह कहकर ,”नमस्कार , मेरा नाम ...” परिचय करने के लिए तीन मिनट हैं जिसमे उन्हें उनसे अपनी कोहनियाँ भी मिलानी हैं |जब समय समाप्त हों जाए, तब खिलाडियों से उन्हें अपने समूह के सदस्यों को पहचानने व उनका अभिवादन करने के लिए कहिये |एक बड़े फ़ाइनल के लिए , समूह का नंबर बुलाएं व समूह के सदस्य अपनी कोहनियों की अवस्था में एक साथ खड़े रहते हैं व बाकी लोग अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाते हैं |
एक नयी पहचान :
यह तब खेले जब छात्र एक दूसरे का नाम जानते हों |छात्रों को अपना नाम एक पर्ची पर लिखकर एक बर्तन में डालने के लिए कहें |एक घेरा बनायें व बर्तन को घेरे में घुमाएँ जिससे की प्रत्येक छात्र एक पर्ची इस तरह निकाल ले की अन्य लोग ना पढ़ सके |
खिलाडियों से यह पर्ची अपने दायी ओर के व्यक्ति के पीठ पर लगाने के लिए कहें ओर यह सुनिश्चित करें कि यह उस व्यक्ति का वास्तविक नाम ना हों |चुनौती यह है की खिलाडियों को अपनी नयी पहचान दूसरों से सिर्फ ऐसे दो प्रश्न पूछकर पता करनी है जिनका उत्तर “हाँ” या “नही” में हों |जैसे की ” क्या मैं एक पुरुष हूँ “ या ”क्या मैं विद्यालय बैंड में हूँ “ |
जब खिलाडी अपनी नयी पहचान को पहचान लेते हैं तो वह वास्तविक व्यक्ति की कमर पर हाथ रखकर उसके पीछे घूमते हैं |शीघ्र ही कई पक्तियाँ बन जाएँगी क्योंकि लोग अपनी नयी पहचान के पीछे घूमते रहते हैं |
क्या आप छा-छा करते हो :
रहस्यमयी शब्द के इस खेल में एक “शब्द” जासूस , एक छिपा हुआ क्रिया कार्य और एक गुप्त नाम छा-छा होता है |एक शब्द जासूस को चुने ओर उसे कमरे से बाहर जाने के लिए कहें |फिर बाकी समूह से किसी एक क्रिया कार्य पर जैसे की पढ़ना , हंसना या चलना पर सहमत होने के लिए कहें |
जब शब्द जासूस वापस लौटता है तो वह प्रश्न पूछकर क्रिया कार्य का अनुमान लगाने का प्रयास करता है |युक्ति यह है की सभी को क्रिया कार्य के स्थान पर छा-छा शब्द का प्रयोग करना है | उदाहरण के लिए यदि छिपी हुई क्रिया यदि पढ़ना है , शब्द जासूस किसी खिलाडी से पूछ सकता है ,” क्या आप घर पर छा-छा करते है “ |उत्तर हों सकता है ,”हाँ , मैं प्रतिदिन शाम के खाने के बाद छा-छा करता हूँ “|सही प्रश्नों के द्वारा शब्द जासूस शीघ्र ही छिपे हुए शब्द का पता लगा सकता है |
जब शब्द जासूस , शब्द का पता लगा लेता हैं , तब प्रशंसा में अपने हाथ अवश्य छा-छा करें | अन्य किसी बड़े जासूस ओर नए शब्द के साथ फिर शुरू करें |